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Friday, November 4, 2011
जय जय राधे
पंकैर्विना सरो भाति सभा खलजनै र्विना
कटुवणैर्विना काव्यं मानसं विषयैर्विना ॥
सरोवर कीचडरहित भयो भने शोभा दिन्छ , दुष्ट मानव नहुदा सभा, कटु वर्ण नहुदा काव्य र विषय भोग नहुदा
मन शोभा दिन्छ ।
*****जय जय श्री राधे *****
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